भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा: आस्था और एकता का महापर्व

27 जून को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। यह पर्व सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक उत्सव है जो करोड़ों लोगों की आस्था और संस्कृति को जोड़ता है।

हर साल की तरह इस बार भी पुरी (ओडिशा) में लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ खींचने के लिए उमड़ पड़ेंगे। लोग कहते हैं,

“भगवान खुद नहीं चलते, पूरा संसार उनके लिए चल पड़ता है।”

यह यात्रा न केवल सड़कों को पवित्र बनाती है, बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ती है। हर गली, हर मोड़, जहां रथ जाता है — वहां भक्ति की लहर दौड़ जाती है।

“जब जगन्नाथ निकलते हैं, हर रास्ता पावन हो जाता है।”

यह पर्व एक संदेश देता है — आस्था, प्रेम और समर्पण से बड़ा कोई धर्म नहीं।

देशभर के श्रद्धालु इस दिन को बड़े उत्साह, भक्ति और एकता के साथ मनाते हैं।

रथ यात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं — यह हर भारतीय आत्मा की गहराई से जुड़ी एक दिव्य अनुभूति है।

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