“मरकर भी अमर: एक शहीद की अनसुनी दास्तान”

वतन के लिए जो मिट गया, वो अमर कहानी बन गयाकारगिल के वीर शहीद को समर्पित

देशभक्ति सिर्फ शब्दों से नहीं, बलिदान से साबित होती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने जीवन से ज़्यादा देश को अहमियत देते हैं – और जब वतन पुकारता है, तो वे पीछे नहीं हटते। कारगिल युद्ध के ऐसे ही एक सपूत ने अपना सब कुछ देश के नाम कर दिया। उसने अपना जीवन खोया, लेकिन अमरता पा गया।

कारगिल की ऊँचाइयों पर लड़ी गई वो जंग सिर्फ गोलियों की नहीं थी, वो थी जज़्बे, जुनून और जनून की। उस वीर योद्धा ने बिना किसी भय के दुश्मनों का सामना किया, अपनी जान की परवाह किए बिना मातृभूमि की रक्षा की। आज, उसी शहीद की प्रतिमा कारगिल वॉर मेमोरियल पर गर्व से खड़ी है – हर आने-जाने वाले को यह याद दिलाते हुए कि आज़ादी मुफ्त में नहीं मिलती।

“शहीद वो होता है जो ज़िंदा रहकर भी अमर हो जाता है।”ये शब्द उस महान आत्मा के लिए बिल्कुल सटीक हैं। उसने सिर्फ जान नहीं दी, बल्कि हमें एक प्रेरणा दी — कि जब भी देश पर संकट हो, एक सच्चा भारतीय कभी पीछे नहीं हटता।

उसकी कहानी एक सबक है – कि असली नायक वो होता है जो अपनी पहचान मिटा कर भी देश को बचा लेता है।

आज हम चैन की सांस लेते हैं क्योंकि कोई हमारे लिए कुर्बान हो गया था।उसका नाम शायद इतिहास की किताबों में छोटा लिखा हो, लेकिन हमारे दिलों में वो हमेशा बड़ा रहेगा।

जय हिंद। शहीदों को शत् शत् नमन।

“शहीद वो होता है जो ज़िंदा रहकर भी अमर हो जाता है।”

Leave a Comment