
पुरी, ओडिशा – आज से महाप्रभु जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा की शुरुआत हो गई है। यह पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि भारत की संस्कृति, एकता और गहरी आस्था का प्रतीक भी है।
पुरी की पवित्र भूमि से लेकर देश के कोने-कोने तक, श्रद्धालुओं के दिलों से एक ही स्वर गूंज रहा है – “जय जगन्नाथ!” इस शुभ अवसर पर लाखों की संख्या में भक्त पुरी में उमड़े हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशाल रथों पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। यह यात्रा भक्तों के लिए एक अत्यंत भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव होती है।
रथ यात्रा केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि सदियों पुरानी आस्था की जीवंत अभिव्यक्ति है। इस अवसर पर हर दिशा में भक्ति, उल्लास और एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस की जा रही है।
जैसा कि कहा जाता है – “जहाँ आस्था रथ को चलाती है, वहाँ कोई राह लंबी नहीं होती।”