रणथंभौर, 19 जून – रणथंभौर की जानी-मानी बाघिन एरोहेड (T-84) का 14 साल की उम्र में निधन हो गया। एरोहेड, मशहूर बाघिन मछली की पोती थी और अपनी ताकत और बहादुरी के लिए जानी जाती थी।
मौत से कुछ दिन पहले ही एरोहेड ने एक मगरमच्छ का शिकार किया था, जो उसकी आखिरी शिकार बन गई। इस बहादुर बाघिन का सफर यहीं खत्म हुआ, लेकिन उसने जंगल में अपने नाम की एक अलग पहचान छोड़ी है।
एरोहेड और मछली केवल बाघिन नहीं थीं, बल्कि भारत की वन्यजीवन संरक्षण की बड़ी सफलता की पहचान थीं। अब एरोहेड की विरासत उसकी बेटी अन्वी (जिसे कनकटी भी कहा जाता है) आगे बढ़ा रही है, जो अब मुकुंदरा हिल्स के जंगलों में रह रही है।
एरोहेड का जाना रणथंभौर के जंगलों के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उसकी कहानी और बहादुरी हमेशा याद रखी जाएगी।