. “सादगी से शिखर तक: राष्ट्रपति मुर्मू को जन्मदिन पर देश का सलाम”

देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्मदिन: एक प्रेरणादायी सफर की कहानी

नई दिल्ली: आज भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का जन्मदिन पूरे देश में बड़े गर्व और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। वे देश की पहली आदिवासी महिला हैं जिन्होंने राष्ट्रपति पद संभालकर इतिहास रच दिया। उनके जीवन की कहानी न केवल प्रेरक है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों, खासकर ग्रामीण और आदिवासी समुदाय की लड़कियों के लिए एक आशा की किरण भी है।

ओडिशा के एक छोटे से गाँव से निकलकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँचने वाली द्रौपदी मुर्मू का जीवन सादगी, संघर्ष और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप कहाँ से आते हैं, बल्कि इस पर कि आप कितनी दूर तक सपने देखने का साहस रखते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू का सफर शिक्षा, सामाजिक सेवा और राजनीति के विभिन्न मोर्चों से होकर गुजरा है। उन्होंने न केवल आदिवासी समुदाय के लिए आवाज उठाई, बल्कि महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की भी मुखर समर्थक रही हैं। उनकी सादगी और जनसेवा के प्रति समर्पण आज भी लोगों के दिलों को छू जाता है।

आज के दिन देश उन्हें सिर्फ जन्मदिन की शुभकामनाएँ नहीं दे रहा, बल्कि उनके जीवन से प्रेरणा लेकर यह भी याद कर रहा है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

एक नेता नहीं, एक जीवंत प्रेरणा हैं द्रौपदी मुर्मू” — देश आज उनका सम्मान और आदर के साथ जन्मदिन मना रहा है।

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